ज़िन्दगी की कहानी
सूखे पेड की
सूखी डाली पर लगा
सूखा पत्ता
जो
कभी भी
काल रूपी
हवा के
झोंके से
टेट कर
धरती पर
गिर सकता है
और जमीन में
मिट जाने वाली
लकीरों में
मिल सकती है
और
यही
जिन्दगी की
कहानी है
दोस्तों
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
सूखे पेड की
सूखी डाली पर लगा
सूखा पत्ता
जो
कभी भी
काल रूपी
हवा के
झोंके से
टेट कर
धरती पर
गिर सकता है
और जमीन में
मिट जाने वाली
लकीरों में
मिल सकती है
और
यही
जिन्दगी की
कहानी है
दोस्तों
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल