ज़िंदा है भगतसिंह
मेरे क़ातिल को बता दो
कि मैं ज़िंदा हूं अभी तक
मुझे थोड़ी और सज़ा दो
कि मैं ज़िंदा हूं अभी तक…
(१)
एक मुद्दत से तलाश है
दीवाने दिल को दर्द की
फिर उसे वापस बुला दो
कि मैं ज़िंदा हूं अभी तक…
(२)
मैंने सोचा और लिखा है
शिद्दत से उसके ख़िलाफ़
मेरी जुर्रत का सिला दो
कि मैं ज़िंदा हूं अभी तक…
(३)
ज़हर के प्याले से मेरी
तिश्नगी नहीं बुझ पाई
ले चलकर सूली चढ़ा दो
कि मैं ज़िंदा हूं अभी तक…
(४)
बागियों की रूहें कहां
उनके जिस्मों में होती हैं
मेरे ख्यालों को मिटा दो
कि मैं ज़िंदा हूं अभी तक…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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