Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 · 1 min read

ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों

ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
और अपनें अपनों के लिए जीवित रहना
_ सोनम पुनीत दुबे

1 Like · 94 Views
Books from Sonam Puneet Dubey
View all

You may also like these posts

आप ही बदल गए
आप ही बदल गए
Pratibha Pandey
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
రామయ్య మా రామయ్య
రామయ్య మా రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
बाल कविता :गर्दभ जी
बाल कविता :गर्दभ जी
Ravi Prakash
भावों को व्यक्त कर सकूं वो शब्द चुराना नही आता
भावों को व्यक्त कर सकूं वो शब्द चुराना नही आता
अर्पिता शगुन त्रिवेदी
3436⚘ *पूर्णिका* ⚘
3436⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Shiftme movers and packers in hadapsar
Shiftme movers and packers in hadapsar
Shiftme
एक प्रार्थना
एक प्रार्थना
Bindesh kumar jha
-तेरे प्रेम का कोई मोल नही है -
-तेरे प्रेम का कोई मोल नही है -
bharat gehlot
मेघ तुम आओ...
मेघ तुम आओ...
Vivek Pandey
उरवासी
उरवासी
Rambali Mishra
हाल हुआ बेहाल परिदे..!
हाल हुआ बेहाल परिदे..!
पंकज परिंदा
जिगर कितना बड़ा है
जिगर कितना बड़ा है
अरशद रसूल बदायूंनी
मदिरा
मदिरा
Shekhar Deshmukh
उसे आज़ का अर्जुन होना चाहिए
उसे आज़ का अर्जुन होना चाहिए
Sonam Puneet Dubey
संवेदना
संवेदना
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
यह नरक है
यह नरक है
Otteri Selvakumar
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
गीतिका
गीतिका
Mahesh Jain 'Jyoti'
कैसे यकीन करेगा कोई,
कैसे यकीन करेगा कोई,
Dr. Man Mohan Krishna
अच्छा लगा।
अच्छा लगा।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सपनों का सफर, संघर्षों का साथ,
सपनों का सफर, संघर्षों का साथ,
पूर्वार्थ
__________________
__________________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
एक पल में
एक पल में
Shutisha Rajput
"धन-दौलत" इंसान को इंसान से दूर करवाता है!
Ajit Kumar "Karn"
"रचती सुन्दर सृष्टि"
Dr. Kishan tandon kranti
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...