Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 · 1 min read

ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों

ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
और अपनें अपनों के लिए जीवित रहना
_ सोनम पुनीत दुबे

1 Like · 77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* आ गया बसंत *
* आ गया बसंत *
surenderpal vaidya
मैं बेबस सा एक
मैं बेबस सा एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
औरों के ही रात दिन,
औरों के ही रात दिन,
sushil sarna
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
पूर्वार्थ
अवंथिका
अवंथिका
Shashi Mahajan
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
Ravi Prakash
गांवों के इन घरों को खोकर क्या पाया हमने,
गांवों के इन घरों को खोकर क्या पाया हमने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" भविष्य "
Dr. Kishan tandon kranti
भारत का अतीत
भारत का अतीत
Anup kanheri
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
Lokesh Sharma
हर किसी पे भरोसा न कर ,
हर किसी पे भरोसा न कर ,
Yogendra Chaturwedi
चन्द्रघन्टा माँ
चन्द्रघन्टा माँ
Shashi kala vyas
घर कही, नौकरी कही, अपने कही, सपने कही !
घर कही, नौकरी कही, अपने कही, सपने कही !
Ranjeet kumar patre
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
Vivek Mishra
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
Rj Anand Prajapati
रण चंडी
रण चंडी
Dr.Priya Soni Khare
#हमें मजबूर किया
#हमें मजबूर किया
Radheshyam Khatik
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr. Priya Gupta
शाम सवेरे हे माँ, लेते हैं तेरा हम नाम
शाम सवेरे हे माँ, लेते हैं तेरा हम नाम
gurudeenverma198
आईने में अगर
आईने में अगर
Dr fauzia Naseem shad
"" वार दूँ कुछ नेह तुम पर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
हिन्दू -हिन्दू सब कहें,
हिन्दू -हिन्दू सब कहें,
शेखर सिंह
🙅आज का आभास🙅
🙅आज का आभास🙅
*प्रणय*
जीवनाचे वास्तव
जीवनाचे वास्तव
Otteri Selvakumar
Loading...