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Dr fauzia Naseem shad
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29 Jun 2024 · 1 min read
ज़िंदगी हो
ज़िंदगी हो तवील कितनी भी,
मेरी सांसें तो मुख़्तसर ठहरी।
डॉ फौज़िया नसीम शाद
Language:
Hindi
Tag:
शेर
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