ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी, तेरी कहानी बनकर उभरी है
मैंने कुरेदा है जब भी अपने जख्मों को
मेरी ज़िंदगी तेरी निशानी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी, तेरी कहानी बनकर उभरी है
मैंने कुरेदा है जब भी अपने जख्मों को
मेरी ज़िंदगी तेरी निशानी बनकर उभरी है