“ज़िंदगी जीना ही होता है”
“ज़िंदगी जीना ही होता है”
नित सुबह से लेकर शाम तलक
गर कई खुशियों से रूबरू होते हैं,
तो ग़म का भी सामना करना होता है!
पर सतत् आगे बढ़ने के लिए….
इसे अमृत की तरह पीना होता है!
ढूंढ़कर राह ऊबड़-खाबड़ या समतल,
ये ज़िंदगी बेशकीमती जीना ही होता है।
अजित कर्ण ✍️