Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2022 · 1 min read

ज़िंदगी के हिस्से में

भूल तू कभी न जाना ज़िन्दगी की चाहत में ।
ज़िन्दगी के हिस्से में , मौत भी तो आती है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
14 Likes · 264 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

मित्रो नमस्कार!
मित्रो नमस्कार!
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दिल को तमाम बातों का तह खाना बना दे
दिल को तमाम बातों का तह खाना बना दे
Kanchan Gupta
लव जिहाद_स्वीकार तुम्हारा ना परिणय होगा...
लव जिहाद_स्वीकार तुम्हारा ना परिणय होगा...
पं अंजू पांडेय अश्रु
एक ऐसा किरदार बनना है मुझे
एक ऐसा किरदार बनना है मुझे
Jyoti Roshni
शेर
शेर
पाण्डेय नवीन 'शर्मा'
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
gurudeenverma198
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
#वो अजनबी#
#वो अजनबी#
Madhavi Srivastava
अलविदा नहीं
अलविदा नहीं
Pratibha Pandey
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#चाहत छमछम छमछम बरसूं
#चाहत छमछम छमछम बरसूं
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
विवाह
विवाह
Shashi Mahajan
बिटिया  घर  की  ससुराल  चली, मन  में सब संशय पाल रहे।
बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
याद रखना मुझे
याद रखना मुझे
Kanchan verma
"मेरे गीत"
Dr. Kishan tandon kranti
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
Phool gufran
महाकाल के भक्त है अंदर से सशक्त है।
महाकाल के भक्त है अंदर से सशक्त है।
Rj Anand Prajapati
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
*बूढ़ा हुआ जो बाप तो, लहजा बदल गया (हिंदी गजल)*
*बूढ़ा हुआ जो बाप तो, लहजा बदल गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
..कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करता हू...*
..कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करता हू...*
Naushaba Suriya
जीवन में
जीवन में
ओंकार मिश्र
व्यवहार वह सीढ़ी है जिससे आप मन में भी उतर सकते हैं और मन से
व्यवहार वह सीढ़ी है जिससे आप मन में भी उतर सकते हैं और मन से
Ranjeet kumar patre
3567.💐 *पूर्णिका* 💐
3567.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कीलों की क्या औकात ?
कीलों की क्या औकात ?
Anand Sharma
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
जगदीश शर्मा सहज
मरना क्यों?
मरना क्यों?
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...