Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2023 · 1 min read

ज़िंदगी की चाहत में

भूल तू कभी न जाना
ज़िन्दगी की चाहत में ।
ज़िन्दगी के हिस्से में
मौत भी तो आती है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 350 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

महात्मा फुले
महात्मा फुले
डिजेन्द्र कुर्रे
*जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है (राधेश्यामी छ
*जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
हमें एक-दूसरे को परस्पर समझना होगा,
हमें एक-दूसरे को परस्पर समझना होगा,
Ajit Kumar "Karn"
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
*सौभाग्य*
*सौभाग्य*
Harminder Kaur
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
4445.*पूर्णिका*
4445.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
```
```
goutam shaw
गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने।
गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने।
पंकज परिंदा
*नर से कम नहीं है नारी*
*नर से कम नहीं है नारी*
Dushyant Kumar
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr. Priya Gupta
तेरा हासिल
तेरा हासिल
Dr fauzia Naseem shad
शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧
शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧
©️ दामिनी नारायण सिंह
ग़ज़ल _ खूब मतवाली , हमारी शायरी है दोस्ती !
ग़ज़ल _ खूब मतवाली , हमारी शायरी है दोस्ती !
Neelofar Khan
मुस्कराना
मुस्कराना
Neeraj Agarwal
सभी देखेंगे तेरी इक हॅंसी को।
सभी देखेंगे तेरी इक हॅंसी को।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहा पंचक. . . मकरंद
दोहा पंचक. . . मकरंद
sushil sarna
नारी , तुम सच में वंदनीय हो
नारी , तुम सच में वंदनीय हो
Rambali Mishra
AE888 - Nhà Cái Nổi Bật Với Hệ Thống Nạp/Rút Linh Hoạt, Hệ T
AE888 - Nhà Cái Nổi Bật Với Hệ Thống Nạp/Rút Linh Hoạt, Hệ T
AE888
तुम खूबसूरत हो
तुम खूबसूरत हो
Ruchika Rai
अब कुछ साधारण हो जाए
अब कुछ साधारण हो जाए
Meera Thakur
महुआ फूल की गाथा
महुआ फूल की गाथा
GOVIND UIKEY
"सुनव अउ गुनव"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वंदना
वंदना
Parvat Singh Rajput
लोगों के रिश्तों में अक्सर
लोगों के रिश्तों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता है
Jogendar singh
दोस्तों, जब जीवन में कुछ अच्छा होने वाला होता है तो अक्सर ऐस
दोस्तों, जब जीवन में कुछ अच्छा होने वाला होता है तो अक्सर ऐस
Piyush Goel
Loading...