ज़रा सा इश्क
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ज़रा सा इश्क
तुम्हें भी मुबारक हो,
ए हुस्न,
आख़िर
सारी शिकायतें मेरे ही सर हों
मोहब्बत में
ऐसी कोई रवायत तो नहीं….!!
हिमांशु Kulshrestha
ज़रा सा इश्क
तुम्हें भी मुबारक हो,
ए हुस्न,
आख़िर
सारी शिकायतें मेरे ही सर हों
मोहब्बत में
ऐसी कोई रवायत तो नहीं….!!
हिमांशु Kulshrestha