ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
जहां तक मुझसे मतलब है जहां को वहां तक मुझको पूछा जा रहा है …!
यार बेमतलब कोई तो हो जिसके चेहरे पर चेहरा ना चढ़ा हो , जो मतलब के लिए नहीं दिल से सगा हो …!
यार यहां मतलब से चलते हैं दिलों के रिश्तों के कारोबार …!
काश…!!
कोई बेमतलब भी कभी हमारे साथ खड़ा हो…!
मुझे वो रिश्ते नहीं चाहिए जो सिर्फ नाम के अपने हो , दिल से अपना मानने वाले कम भी हो तो काफी है…!
मुझे हजारों का काफिला नहीं चाहिए …!
मेरी खुशी में मुस्कुराने वाला मेरे ग़म में मुझे संभालने वाला एक भी हो तो काफी है…!
और रही बात निभाने की तो निभाने वालो के बीच दूरियां और problems कभी नहीं आती …!
जिनको रिश्ता निभाना होता है हर हाल में निभा जाते हैं ..!
यहां सब नियत और विश्वास पर ही निर्भर करता है ..!
कभी पास रह कर भी एक दूसरे से दूर हो जाते हैं तो कभी दूर होकर भी साथ निभा जाते हैं…!