ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
तुझसे मिलने का यूंही हरपल में इंतज़ार करु ।
दुआ है मेरी तू भीड़ में भी जब मिले मुझको।
बस तू सामने बैठा रहे और मैं तेरा दीदार करु।
Phool gufran
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
तुझसे मिलने का यूंही हरपल में इंतज़ार करु ।
दुआ है मेरी तू भीड़ में भी जब मिले मुझको।
बस तू सामने बैठा रहे और मैं तेरा दीदार करु।
Phool gufran