जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ….
जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ, तुम्हारा अंश हूँ मैं भी।
जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम हो, अतः निश्चिंत हूँ मैं भी।
न छूटे साथ रघुवर ये, कृपा मुझपे सदा रखना,
नियंता तुम जगत के तो, तुम्हारी सर्जना मैं भी।
-© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ, तुम्हारा अंश हूँ मैं भी।
जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम हो, अतः निश्चिंत हूँ मैं भी।
न छूटे साथ रघुवर ये, कृपा मुझपे सदा रखना,
नियंता तुम जगत के तो, तुम्हारी सर्जना मैं भी।
-© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद