जहाँ करुणा दया प्रेम
जहाँ करुणा दया प्रेम
निश्चल निःस्वार्थ हो
कर्म भरा हो परमार्थ से
इससे बड़ा कोई संबंध
नहीं है इस कलयुग में ।
टी. पी. तरुण
जहाँ करुणा दया प्रेम
निश्चल निःस्वार्थ हो
कर्म भरा हो परमार्थ से
इससे बड़ा कोई संबंध
नहीं है इस कलयुग में ।
टी. पी. तरुण