जवानी का गुमान
दिल को फंसा कर हवस के जाल में,
रूह को अपनी परेशान तूने किया ।
ले जल रही है चिता में तेरी जवानी औ हुस्न,
जिसका था तूने गुमान किया ।
दिल को फंसा कर हवस के जाल में,
रूह को अपनी परेशान तूने किया ।
ले जल रही है चिता में तेरी जवानी औ हुस्न,
जिसका था तूने गुमान किया ।