जल
जल
🦚
वास्रग्विणी छंद
************
जल मिले यदि नहीं क्या पियोगे कहो ?
जिंदगी जल बिना क्या जियोगे कहो ?
और दोहन अधिक मत धरा का करो ।
जिंदगी से नहीं मौत से तो डरो ।।
*
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
***
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जल
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वास्रग्विणी छंद
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जल मिले यदि नहीं क्या पियोगे कहो ?
जिंदगी जल बिना क्या जियोगे कहो ?
और दोहन अधिक मत धरा का करो ।
जिंदगी से नहीं मौत से तो डरो ।।
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राधे…राधे…!
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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