जल चक्र
डमरु घनाक्षरी
सभी वर्ण लघु
16,16पर यति
8,8,8,8
जल चक्र
सर- सर उड़-उड़, नगर नगर नभ।
छम- छम बरसत ,घनन -घनन घन।
कड़ ,कड़ कड़ ,कड़, गरज गरज कर।
बरस बरस कर ,मनहर जलधर।
मधुर मिलन फिर, नभ ,महि ,नद, सर।
भर -भर छलकत, नटखट पनघट।
सरसिज सरवर, अधर मधुर खिल।
उपवन सुरभित, कुसुम कुसुम मिल।
सरपट- सरपट, पथ गत नद जल।
जलधि मिलन पर , स्वर कर कल -कल।
हृदय कमल खिल, थिर-थिर थिरकत। क्षेत्र
सब जग सुख कर, अविरल निरखत ।
पड़त-पड़त थल,नव जल शबनम,
सुमन-सुमन पर, सुख कर शयनम्,
डगमग डगमग,नित-नित मधुकर,
छल-छल मधु रस, अलि अलि छल कर।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश।