जल।
जीवन की कितनी बड़ी कला।जल के बिना कुछ न भला।जल की
कीमत समझले नर ज्ञानी।जल के साथ अन्याय न कर न कर देयगा पानी पानी।जल बहू मूल्य है, लेकिन तेरी नज़रों में धूल है।
तेरे को मिलता फ्री जैसा , इसलिए अनूकूल है।
जल देवता ही नही महादेवता है, तुझको समझ कब आयेगी
जब आंखों में पानी पानी हो जाएगा।