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18 May 2024 · 1 min read

जल्दी आओ राम सिया रो रही

जल्दी आओ राम सिया रो रही
दुष्ट के हाथों में पड ज्या खो रही

ऐसी अबला नार को तू ना सता
खोल कर बतला दे मेरी क्या खता
झगड़ा कितनी देर से मै झो रही
दुष्ट के हाथों ……

आपने भी बहुत सी समझाई थी
उल्टी बुद्धि समझ में ना आई थी
आंसुओं से पाप अपने धो रही
दुष्ट के हाथों …..

कह रहा बलदेव तूने क्या करी
दोष लाया लक्ष्मण पर ना डरी
रेखा बंधन तोड़ तंग खुद हो रही
दुष्ट के हाथों……

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