जरूरी नहीं की तुम जिसे चाहो उसे पाओ
जरूरी नहीं की तुम जिसे चाहो उसे पाओ
कभी कभी उसे भी खोना पड़ता है
हलात ऐसा करता है की जहां न होना चाहिए वहा भी होना पड़ता है
ए चूड़ियां ये गहने ये बिंदी सब मजबूरी में पहना है
मुझे तकिए के नीचे सर छुपा के रोना पड़ता है
और छू लेता है ओ तो विराट अनुराग तेरी याद आती है
उसके बाद सर दर्द पेट दर्द के बहाना करके सोना पड़ता है