जरूरत तेरी अब वैसी नहीं
क्या बात करें अब हम तुमसे, जरूरत तेरी अब वैसी नहीं।
करते तेरी तारीफ मगर, तस्वीर तेरी अब वैसी नहीं।।
क्या बात करें अब हम तुमसे——————–।।
एक बात हमें तू यह बतला, क्यों हमसे हुए दूर इतने तुम।
पूछो यह भी अपने दिल से, मजबूर हुए क्यों इतने हम।।
आवाज भी हम तुमको देते, कशिश तुझमें अब में वैसी नहीं।
क्या बात करें अब हम तुमसे——————।।
हमने बहुत इसरार किया, आप रूठे रहे, दूर हटते रहे।
विश्वास हमने दिलाया बहुत, आप हमपे वहम करते रहे।।
क्यों दे तुमको तरजीह अब हम, तकलीफ हमको अब वैसी नहीं।
क्या बात करें अब हम तुमसे——————-।।
मिल तो गया तुमको साथी नया, क्या तेरी चाहत है मेरी तरहां।
क्या तुमपे सितम वह करता नहीं, क्या करता है इज्जत मेरी तरहां।।
आजाद है हम,मजबूर हो तुम, आजादी तुम्हें अब वैसी नहीं।
क्या बात करें अब हम तुमसे——————।।
चाहे मत बोलो तुम हमसे मगर, समझते हैं हम यह खामोशी तेरी।
तड़पायेगी तुमको हमारी चाहत, रूठेगी किस्मत जब यह तेरी।।
इकरार करें क्यों अब तुमसे, उम्मीद तुमसे अब वैसी नहीं।
क्या बात करें अब हम तुमसे——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)