जरुरी
प्यार बहुत जरूरी है
दहाड़ भी जरूरी है
कोई तुम्हारी इन्सानियत
समझ लें तुम्हारा श्रृंगार
तुम्हारे गले में हार नहीं
तुम्हारी हार का करेगा इंतजार
शौर्य की प्राचीर पर स्वाभिमान भी
जरूरी है
आत्मदान भी जरूरी है।
महात्मा बुद्ध के इस देश में
कलिंग विजयी अशोक भी
जरूरी है
महाराणा प्रताप की तलवार
भी जरूरी है
भगत सिंह और आज़ाद के
इंकलाब की आवाज़
भी जरूरी है
नेता सुभाष के जय हिंद नारे को
जीवन में उतारने की जिद
भी जरूरी है
वंदे मातरम की हुंकार
भी जरूरी है
इतिहास की जो वादियां
शर्मिंदगी का सबब बने
उखाड़ कर उनका वजूद
नये आइने में देखना वजूद
भी जरूरी है
अपने ही रक्त से सही इतिहास की
रचना भी जरुरी है