उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
"चुनाव के दौरान नेता गरीबों के घर खाने ही क्यों जाते हैं, गर
*आजादी अक्षुण्ण हो, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)*
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
मेरी खुशी हमेसा भटकती रही
समंदर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,