कवि के हृदय के उद्गार
Anamika Tiwari 'annpurna '
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
అమ్మా దుర్గా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
मेरे हमनवा ,मेरे रहनुमा ,मुझे रोशनी की मशाल दे ,,
कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**