जय हिन्द , वन्दे मातरम्
कोई भी पंथ हो अपना कोई भी हो धरम
सभी मिलकर कहो जय हिन्द वन्दे मातरम्
वतन पर जो हुए कुर्बान उनकी सोचिए
शहीदों ने वतन पर प्राण अपने क्यों दिए
मरे आज़ाद और अशफ़ाक उल्ला खान क्यों
भगत सिंह और सावरकर लड़े किसके लिए
बड़ी मुश्किल से गोरों से हुए आज़ाद हम
सभी मिलकर कहो जय हिन्द वन्दे मातरम्
लगाकर भाल पर मिट्टी वतन को मान दें
ज़रूरत आ पड़े तो देश पर हम जान दें
हमारे धर्म से बढ़कर हमारा देश है
इसे हम धर्मग्रंथों से अधिक सम्मान दें
कसम खाएं न होने देंगे इसका मान कम
सभी मिलकर कहो जय हिन्द वन्दे मातरम्
कभी भी भूलकर हमसे न ऐसा काम हो
कि जिससे देश की छवि विश्व में बदनाम हो
कहीं जाएं मगर दिल में ललक हो एक ही
कि कैसे देश का दुनिया में ऊंचा नाम हो
हमारे देशहित में हो हमारा हर क़दम
सभी मिलकर कहो जय हिन्द वन्दे मातरम्
हमारी एकता का शोर अब चहुं ओर हो
हमारे हाथ में अब एकता की डोर हो
करें हरगिज़ न कोई काम हम ऐसा कभी
कि जिससे एकता की डोर ये कमज़ोर हो
हमें इस देश के परचम , तिरंगे की कसम
सभी मिलकर कहो जय हिन्द वन्दे मातरम्
—शिवकुमार बिलगरामी