जय श्री राम कहा करिए
मन हो जाए प्रफुल्लित पल में सुबहो शाम कहा करिए
बिगड़ा काम बनाना हो तो जय श्री राम कहा करिए
साधारण से साधारण को इस नाम ने खास बना डाला
जो रामनाम में डूब गया उसने इतिहास बना डाला
जीवन सारा बदल दिया इस रामनाम के जादू ने
बना कबीरा कोई किसी को तुलसीदास बना डाला
वाल्मीकि के जीवन की गाथा अविराम कहा करिए
बिगड़ा काम बनाना हो तो जय श्री राम कहा करिए
इसी नाम ने तार दिए पत्थर सागर की लहरों में
बैठी रामभरोसे जिन्दा सिय लंकेश के पहरों में
जै श्री राम कहा हनुमत ने लाँघ गए सागर सारा
लगी आग फिर प्रलयंकारी लंकपुरी के शहरों में
रामनाम से बचा विभीषण का ही धाम कहा करिए
बिगड़ा काम बनाना हो तो जय श्री राम कहा करिए
जपती रही अहिल्या नित श्री राम तो राम चले आए
पत्थर पर पग रखने को सब छोड़ के काम चले आए
भक्तप्रेम में वनवासी बन त्याग के सारा धन वैभव
चखने को जूठे बेर राम शबरी के धाम चले आए
महिमा अनंत है दिग् दिगंत नित आठों याम कहा करिए
बिगड़ा काम बनाना हो तो जय श्री राम कहा करिए
जप रहा जटायु रामनाम थी खून से लथपथ काया
रामकाज में मौत राम की गोद में उसने पाया
रावण बनता गया पात्र श्री रामकृपा का देखो
क्रोधित होकर उसने जब-जब रामनाम दोहराया
रामनाम से राम शरण मिलता विश्राम कहा करिए
बिगड़ा काम बनाना हो तो जय श्री राम कहा करिए