जय माता कल्याणी
जय माता कल्याणी
वंदनीय औ पूजनीय, भारत में माँ कहलाती है।
इसीलिए तो जन्मभूमि, भारत- माता कहलाती है।
हाथ जोड़कर करें वंदना, भारत मातु भवानी की।
साथ-साथ सब मिलकर बोलें,
जय माता कल्याणी की।
वीर प्रसूता मातु भारती,हर नारी में है सीता।
लक्ष्मी, झलकारी और दुर्गा, दुर्गा- भाभी सुपुनीता।
हुई शहीद किरण शेखावत, भारत सैना की लाली।
दिव्या,पद्मावती,पुनीता, वह गुंजन कारगिल वाली।
हम नीरजा की कहें कहानी, वायुयान की रानी की।
हाथ जोड़कर….. कल्याणी की।
ब्रह्मवादिनी भारत कन्या, निज मेधा से जग जीता।
गार्गी, मैत्रेई, और घोषा,शची, भारती ज्यों गीता।
शकुंतला के गणनाओं में,कीर्तिमान संपादित हैं।
नीना गुप्ता जी, रामानुज पुरस्कार सम्मानित हैं।
वहीं कल्पना की उड़ान की, याद करें कुर्बानी की।
हाथ जोड़कर …..कल्याणी की।
भारत की नारी के आँगन श्री हरि खेला करते हैं।
जीजा, पन्ना सी माँओं के पुत्र देश पर मरते हैं।
करती त्याग तपस्या धारण,भारत मांँ की शान हैं।
देव-देवियों से भी बढ़कर, भारत की संतान हैं।
जाग गया है बच्चा बच्चा, शपथ गंग के पानी की।
हाथ जोड़कर……कल्याणी की।
इंदु पाराशर