जय माँ
जय माँ जय जय जगदम्बे ,
करुणामयी माँ अम्बे ।
तेरी होवे जय जय कार ,
भवानी सिंहा पर असवार ।।
तू असुर निकंदन माता ,
सारा जग तुझको ध्याता ।
दानव दल हैं संहारे ,
और रक्तबीज को मारे ।।
कर में त्रिशूल तू धारी ,
तेरी छवि जगत में न्यारी ।
बैरिन पर करती वार,
भवानी सिंहा पर असवार ।।
जब जब संकट धरती पर ,
पैदा करते रजनीचर ।
तब लेकर के अवतार ,
दिए संकट सारे टार ।।
त्रिभुअन में है बलिहारी ,
सब जीव जगत को प्यारी ।
प्रति पल करते मनुहार ,
भवानी सिंहा पर असवार ।।
✍️सतीश शर्मा।