जय माँ जगदंबे 🙏
पुष्प मधुर चुन भावमय, सजा रही दरबार।
मेरे घर भी अंबिके, आना अबकी बार।।
माता के दरबार में, कोई ऊँच न नीच ।
समरसता बरसे यहाँ, भर-भर नेह उलीच ।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
पुष्प मधुर चुन भावमय, सजा रही दरबार।
मेरे घर भी अंबिके, आना अबकी बार।।
माता के दरबार में, कोई ऊँच न नीच ।
समरसता बरसे यहाँ, भर-भर नेह उलीच ।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद