Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2023 · 1 min read

“जय जवान जय किसान” – आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)

“जय जवान जय किसान” – आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)

1 Like · 354 Views

You may also like these posts

सावन
सावन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
आधुनिक हिन्दुस्तान
आधुनिक हिन्दुस्तान
SURYA PRAKASH SHARMA
किशोरावस्था और आजादी
किशोरावस्था और आजादी
ललकार भारद्वाज
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
अगर जल रही है उस तरफ
अगर जल रही है उस तरफ
gurudeenverma198
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
कवि रमेशराज
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
मानवता के पथ पर
मानवता के पथ पर
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सुरक्षित भविष्य
सुरक्षित भविष्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शेर
शेर
Phool gufran
*बस मे भीड़ बड़ी रह गई मै खड़ी बैठने को मिली ना जगह*
*बस मे भीड़ बड़ी रह गई मै खड़ी बैठने को मिली ना जगह*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" आँसू "
Dr. Kishan tandon kranti
😊भायला-भायलियों!
😊भायला-भायलियों!
*प्रणय*
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
आफताब ए मौसिकी : स्व मोहम्मद रफी साहब
आफताब ए मौसिकी : स्व मोहम्मद रफी साहब
ओनिका सेतिया 'अनु '
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अधूरा एहसास(कविता)
अधूरा एहसास(कविता)
Monika Yadav (Rachina)
गज़ल बन कर किसी के दिल में उतर जाता हूं,
गज़ल बन कर किसी के दिल में उतर जाता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लिये मनुज अवतार प्रकट हुये हरि जेलों में।
लिये मनुज अवतार प्रकट हुये हरि जेलों में।
कार्तिक नितिन शर्मा
कल को कल ही सोचना,
कल को कल ही सोचना,
sushil sarna
रिश्ते भूल गये
रिश्ते भूल गये
पूर्वार्थ
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
Rj Anand Prajapati
अभिनव छंद
अभिनव छंद
Rambali Mishra
श्रीराम
श्रीराम
सुरेखा कादियान 'सृजना'
वो कहते हैं कहाँ रहोगे
वो कहते हैं कहाँ रहोगे
VINOD CHAUHAN
“समझा करो”
“समझा करो”
ओसमणी साहू 'ओश'
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ुरूर
ग़ुरूर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
!! बच्चों की होली !!
!! बच्चों की होली !!
Chunnu Lal Gupta
Loading...