जय जय हे महिषासुर मर्दिनी
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी, सिंह विराजिनी माँ,
माँ के करियोऽन आरती, माँ के करियोऽन आरती।
कर में कमल, कमल पर आसिनी,
विष्णु विलासिनि माँ,
श्रद्धा के माॅं थार सगाकऽ,
अर्पित हे भक्ति,
माँ के करियोऽनआरती, जय जय हे —–।
मुख में जीभ , जीभ लपा -लप,
असुर विनाशिनी माँ,
गंध- पुष्प- नैवेद्य सों जननी,
अर्पित हे शक्ति,
माँ के करियोऽन आरती, जय जय हे—–।
विद्या दायिनी, माँ ब्रम्हायिनी,
वीणा धारिणी माँ,
हमह अज्ञान, दूर करु हे ,
माँ सरस्वती,
माँ के करियोऽन आरती, जय जय हे—–।
शिखर निवासिनी, माँ जगदम्बा,
रत्न विभूषिणी माँ,
डोल- नगाड़- मृदंगा बाजत,
गुञ्ज उठल धरती,
माँ के करियोऽन आरती, जय जय हे—।
जल में, थल में, नभ में, जननी,
सदा रहैऽ छी माँ,
शरणागत पर दया करै छी ,
सुनि लियऽ विनती,
माँ के करियोऽन आरती,
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी, सिंह विराजिनी माँ
माँ के करियोऽन आरती।
उमा झा🙏💕