जमाना है
मुक्तक
कमायें यार सब मिलके, बहाने से कमाना है.
रहें सब यार मिलजुल के, जमाने में समाना है.
हंसाने गुनगुनाने का, सलीका सीख लो यारों,
मनाने औ रुलाने को, यही छलिया “जमाना है. ”
फटी टी-शर्ट को जाना, अमीरी का बहाना है.
फटी सी पेंट को माना, नया फैशन कमाना है.
यहां किसको रिझाना है,हँसी के पात्र बन करके.
कटीले गेसुओं के संग,टैटू का जमाना है.
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
8/219, विकास नगर, लखनऊ,226022
मोबाइल -9450022526