Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,

जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
किंतु किस्मत का खेल देखो,
उन्हें ऐसे ही याद करना अच्छा लगता है।
और मिला दिया किस्मत ने अगर फिर से
तो पता नहीं, कैसे बिचड़ेगे फिर से।।।

2 Likes · 575 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजय कुमार संजू
View all
You may also like:
खुद को तलाशना और तराशना
खुद को तलाशना और तराशना
Manoj Mahato
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
" इस जहां में "
Dr. Kishan tandon kranti
*चलती सॉंसें मानिए, ईश्वर का वरदान (कुंडलिया)*
*चलती सॉंसें मानिए, ईश्वर का वरदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
Anis Shah
3993.💐 *पूर्णिका* 💐
3993.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
Rj Anand Prajapati
बेनाम रिश्ते .....
बेनाम रिश्ते .....
sushil sarna
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
Ravikesh Jha
ನೀನೆಷ್ಟರ ಗಂಡಸು???
ನೀನೆಷ್ಟರ ಗಂಡಸು???
ಗೀಚಕಿ
ख्याल
ख्याल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*कैसे हार मान लूं
*कैसे हार मान लूं
Suryakant Dwivedi
नींद ( 4 of 25)
नींद ( 4 of 25)
Kshma Urmila
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
जागता हूँ क्यों ऐसे मैं रातभर
जागता हूँ क्यों ऐसे मैं रातभर
gurudeenverma198
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
पूर्वार्थ
THE ANT
THE ANT
SURYA PRAKASH SHARMA
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Ram Krishan Rastogi
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
Raju Gajbhiye
#धर्मपर्व-
#धर्मपर्व-
*प्रणय*
अश्रु की भाषा
अश्रु की भाषा
Shyam Sundar Subramanian
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
सब की नकल की जा सकती है,
सब की नकल की जा सकती है,
Shubham Pandey (S P)
यथार्थ
यथार्थ
Dr. Rajeev Jain
रात नशीली कासनी, बहका-बहका चाँद।
रात नशीली कासनी, बहका-बहका चाँद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नफ़रत
नफ़रत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Loading...