तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
मुक्तक
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
तुम्हारे बिन जुदाई में ये दिन पल पल सताएगा।
हमारे लब पे रहते हैं तुम्हारे प्यार के किस्से,
तुम्हारे लब पे भी मेरा कभी क्या नाम आएगा।
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी