जब से देखा है तुमको
जब से देखा है तुमको
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जब से देखा है तुमको,
दिल ये पागल हो गया।
जो दिल मेरा था कभी,
अब वह तेरा हो गया ।।
दीदार कर लेती हूं मै तेरा,
जब मेरी गली में आते हों।
दिल ने पसंद कर लिया है,
मन से तुम मुझे भाते हो।।
दिल लेकर बेवफ़ा न होना,
संभाल कर रखना हर दम।
भूलूंगी नही कभी मैं तुमको,
याद रखूंगी तुमको मरते दम।।
मंदिर भी तुम मेरे देव भी मेरे,
पूजा करती हूं मैं सांझ सवेरे।
कभी तो दर्शन दे दो मुझको,
आकर तुम कभी मेरे ही द्वारे।।
बेचैन रहती हूं तुम बिन मै,
दिल न लगता तुम बिन मेरा।
करूं तो करूं क्या अब मै,
दिल वापिस कर दो तुम मेरा।।
करती हूं हर प्रयास मिलने का,
करो तुम भी प्रयास मिलने का।
होगा जब प्रयास दोनो ही का,
तब अवसर मिलेगा मिलने का।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम