जब सही नहीं दिखता, कुछ और है दिख जाता l
जब सही नहीं दिखता, कुछ और है दिख जाता l
जब सही सोचता तो, तू कुछ ओर दिख जाता l
कहाँ खो गया है वो, खुद को ना देख पाता l
उसको यह नहीं पता, ख्वाब गुम है हो जाता ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न
जब सही नहीं दिखता, कुछ और है दिख जाता l
जब सही सोचता तो, तू कुछ ओर दिख जाता l
कहाँ खो गया है वो, खुद को ना देख पाता l
उसको यह नहीं पता, ख्वाब गुम है हो जाता ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न