जब शरीर से वासना की लपटे उठने लगती है,तो व्यक्ति को उससे स्व
जब शरीर से वासना की लपटे उठने लगती है,तो व्यक्ति को उससे स्वयं भी जलने का डर नही रहता है दर्द सहने की क्षमता बढ़ जाती है और विपरीत लिंग के प्रति प्यार और कामुकता का सागर उमड़ पड़ता है। इस चिंगारी विनाशकारी अवस्था को अपने मस्तिष्क में कोई विरला हठयोगी ही नियंत्रित कर पाता है।
RJ Anand Prajapati