जब लौटती है जिंदगी
जब लौटती है जिंदगी
अद्भुत हमारी दुनिया, अद्भुत हमारी जिंदगी
अनमोल तन हमारा, अनमोल है ये जिंदगी।
जीव जन्म और ये धरती, है अबूझ एक पहेली
माया के इस संसार में, क्या है हमारी जिंदगी?
भेंट ये है तन प्रभु का, उपहार हमारी जिंदगी
पंचरचित यह देह जो, नियामत हमारी जिंदगी।
एक बार जन्म होता, या मिलती पुनः है जिंदगी?
भवसागर तैरते हुए, डूब जाती है एक दिन जिंदगी।
यह भवसागर है कर्मसागर,लौटती कहां है जिंदगी!
कहते कभी ‘मर कर बचा’, जब लौटती है जिंदगी।
मुदित बहुत होता है मन, पाकर ये फिर से जिंदगी
भाग्यशाली हैं वे नर विशेष, मिलती दुबारा जिंदगी।
तब मन बहुत यह सोचता, ईश्वर में जैसे डूब जाता
एक जादू है, एक करिश्मा, जब लौटती है जिंदगी।
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–राजेंद्र प्रसाद गुप्ता,मौलिक/ स्वरचित।