Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

जब लौटती है जिंदगी

जब लौटती है जिंदगी

अद्भुत हमारी दुनिया, अद्भुत हमारी जिंदगी
अनमोल तन हमारा, अनमोल है ये जिंदगी।
जीव जन्म और ये धरती, है अबूझ एक पहेली
माया के इस संसार में, क्या है हमारी जिंदगी?
भेंट ये है तन प्रभु का, उपहार हमारी जिंदगी
पंचरचित यह देह जो, नियामत हमारी जिंदगी।
एक बार जन्म होता, या मिलती पुनः है जिंदगी?
भवसागर तैरते हुए, डूब जाती है एक दिन जिंदगी।

यह भवसागर है कर्मसागर,लौटती कहां है जिंदगी!
कहते कभी ‘मर कर बचा’, जब लौटती है जिंदगी।
मुदित बहुत होता है मन, पाकर ये फिर से जिंदगी
भाग्यशाली हैं वे नर विशेष, मिलती दुबारा जिंदगी।
तब मन बहुत यह सोचता, ईश्वर में जैसे डूब जाता
एक जादू है, एक करिश्मा, जब लौटती है जिंदगी।
*********************************************************
–राजेंद्र प्रसाद गुप्ता,मौलिक/ स्वरचित।

1 Like · 230 Views
Books from Rajendra Gupta
View all

You may also like these posts

विरह व्यथा
विरह व्यथा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
*पत्नी माँ भी है, पत्नी ही प्रेयसी है (गीतिका)*
*पत्नी माँ भी है, पत्नी ही प्रेयसी है (गीतिका)*
Ravi Prakash
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
- तुम हो गर्वी गुजराती में हु राजस्थानी -
- तुम हो गर्वी गुजराती में हु राजस्थानी -
bharat gehlot
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
Sanjay ' शून्य'
ഒന്നോർത്താൽ
ഒന്നോർത്താൽ
Heera S
आइए मेरे हृदय में
आइए मेरे हृदय में
indu parashar
🍁🌹🖤🌹🍁
🍁🌹🖤🌹🍁
शेखर सिंह
..
..
*प्रणय*
प्राथमिकता
प्राथमिकता
Dr. Kishan tandon kranti
दुर्योधन मतवाला
दुर्योधन मतवाला
AJAY AMITABH SUMAN
क्या हसीन इतफाक है
क्या हसीन इतफाक है
shabina. Naaz
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
बायण बायण म्है करूं, अवरां री नह आस।
बायण बायण म्है करूं, अवरां री नह आस।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
रक्तदान
रक्तदान
Pratibha Pandey
वक्त पड़े तो मानता,
वक्त पड़े तो मानता,
sushil sarna
* जीवन रथ **
* जीवन रथ **
Dr. P.C. Bisen
Insaan badal jata hai
Insaan badal jata hai
Aisha Mohan
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता
Mukesh Kumar Sonkar
*बे मौत मरता  जा रहा है आदमी*
*बे मौत मरता जा रहा है आदमी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अनजाने से प्यार
अनजाने से प्यार
RAMESH SHARMA
संघर्ष की आग से ही मेरी उत्पत्ति...
संघर्ष की आग से ही मेरी उत्पत्ति...
Ajit Kumar "Karn"
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
Shweta Soni
फौजी
फौजी
Poonam Sharma
कचोट
कचोट
Dr.Archannaa Mishraa
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
पूर्वार्थ
कुछ टूट गया
कुछ टूट गया
Dr fauzia Naseem shad
Loading...