Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2024 · 1 min read

जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या कर

जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या करते, किससे करते, कैसे करते, मैदान – ए – जंग में तो केवल हम ही अकेले लड़ने को निकले थे, लेकिन जब रणक्षेत्र में पहुँचा तो मेरे लिए यहाँ लोगों का कारवाँ बढ़ता चला गया ।

कवि – डॉ० मन मोहन कृष्ण

103 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
When you remember me, it means that you have carried somethi
When you remember me, it means that you have carried somethi
पूर्वार्थ
"किस किस को वोट दूं।"
Dushyant Kumar
आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
Arghyadeep Chakraborty
पिता के जाने के बाद स्मृति में
पिता के जाने के बाद स्मृति में
मधुसूदन गौतम
#सवाल-
#सवाल-
*प्रणय प्रभात*
हाथ कंगन को आरसी क्या
हाथ कंगन को आरसी क्या
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
Neelofar Khan
"नजारा"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं सरिता अभिलाषी
मैं सरिता अभिलाषी
Pratibha Pandey
ज़रूरत नहीं
ज़रूरत नहीं
Dr fauzia Naseem shad
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
*होता है अमर नहीं कोई, अमरत्व भला किसने पाया (राधेश्यामी छंद
*होता है अमर नहीं कोई, अमरत्व भला किसने पाया (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
कठिन काल का काल है,
कठिन काल का काल है,
sushil sarna
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
3054.*पूर्णिका*
3054.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
Sunil Maheshwari
मेरी प्यारी हिंदी
मेरी प्यारी हिंदी
रेखा कापसे
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
Ranjeet kumar patre
न जाने ज़िंदगी को क्या गिला है
न जाने ज़िंदगी को क्या गिला है
Shweta Soni
रोना भी जरूरी है
रोना भी जरूरी है
Surinder blackpen
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
प्रेम के मायने
प्रेम के मायने
Awadhesh Singh
भोले
भोले
manjula chauhan
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
........,
........,
शेखर सिंह
समय बीतते तनिक देर नहीं लगता!
समय बीतते तनिक देर नहीं लगता!
Ajit Kumar "Karn"
Loading...