जब भी दिल का
जब भी दिल का
गुलाब महका है।
तिरी ख़ुशबू से
ख़्वाब महका है।
तुमसे रुतबा है
ख़ास महफ़िल का
देख ‘नीलम’
रुआब महका है।
नीलम शर्मा ✍️
जब भी दिल का
गुलाब महका है।
तिरी ख़ुशबू से
ख़्वाब महका है।
तुमसे रुतबा है
ख़ास महफ़िल का
देख ‘नीलम’
रुआब महका है।
नीलम शर्मा ✍️