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26 Dec 2022 · 1 min read

जब भी कभी अकाल

सहनशीलता का पड़ा ,जब भी कभी अकाल ।
लगे छलकने मर्म के,…….. सारे स्वयं सवाल ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 125 Views
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