याद करो जब बालक थे हम…(सवैया)
याद करो जब बालक थे हम संशय का यह भाव नहीं था,
थीं खुशियाँ भरपूर किसी जन से तब हाय दुराव नहीं था,
उम्र बढ़ी मन खिन्न रहे उर कष्ट भरा यह घाव नहीं था,
खेल व कूद रहे मन में तब जीवन का उलझाव नहीं था।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 17/01/2020