जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
तब लास्ट सीन देखकर ।
दिल को सुकुन पहुँचाना भी,
“इश्क” ही कहलाता है जनाब ।।
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
तब लास्ट सीन देखकर ।
दिल को सुकुन पहुँचाना भी,
“इश्क” ही कहलाता है जनाब ।।