“” *जब तुम हमें मिले* “”
“” जब तुम हमें मिले “”
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जब
तुम हमें मिले तो,
ये जीवन सारा बदल गया !
गई पथिक की प्यास बुझ …..,
और तन-मन जीवन निखर गया !! 1 !!
जब
तुमसे लौ लगी तो,
ये जीवन महक-चहक गया !
गई बगिया मन की खिल-खिल …..,
और चहुँओर आनंद भर गया !! 2 !!
जबसे
तुम आए जीवन में,
प्रेम बहारें खिलखिला आईं !
गई जीवन की चाल बदल ……,
और प्रेम बरखा बरस आईं !! 3 !!
जबसे
तुम मिले हो प्रिय ,
ये जीवन चला यहाँ मुस्कुराए !
गई गम-दुःख की शामें ढल …..,
और प्रेमानंद चला हर्षाए सरसाए !! 4 !!
अब
तुम हम में समाए चले,
खोए हुए एक दूजे में डूबे !
भले हों हम यहाँ पे दो शरीर …..,
पर, बनें एक शुद्धात्मा यहाँ मिलके !! 5 !!
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सुनीलानंद
मंगलवार,
21 मई, 2024
जयपुर,
राजस्थान |