जब तुम खामोश रहती हो….
जब तुम खामोश रहती हो….
जब से मिले हैं हम तुमसे,
मानों, जिंदगी में बहार आ गई है,
पर जब तुम खामोश रहतीं हो,
मानों ऐसा लगता है,
जैसे जिंदगी थम सी गई है॥
तुम्हारी मुस्कराहट की धुन,
जब मेरे कानों तक पहुँचती हैं,
मानों ऐसा लगता है,
जैसे जिंदगी संगीत- सी हो गई है॥
मैं तो हूँ ही नादान, अनजान उनबातों से,
पर जब तुम मेरी गलतीयो को ‘मैं नाराज नहीं हूँ’
कहकर नजर अंदाज करती हो,
मानों ऐसा लगता है,
जैसे जिंदगी चमन सी हो गई है॥
चाहत में रूठना, मनाना एक हसीन पल होता है,
पर जब मैं रूठता और तुम मनाती हो,
मानों ऐसा लगता है,
जैसे जल से आखें झिलमिला सी गई है॥