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14 Oct 2024 · 1 min read

“जब तक सच में नहीं आती ll

“जब तक सच में नहीं आती ll
मुश्किल समझ में नहीं आती ll

चाहे कितना भी पढ लिख लें हम,
मंजिल एक कागज में नहीं आती ll

जश्न में साथ नाचने वाली दुनिया,
कभी काम मुसिबत में नहीं आती ll

कभी आकर पूंछो भी हाल,
सारी बात खत में नहीं आती ll

मेहनत की जरूरत पड़ती है,
हर चीज किस्मत से नहीं आती ll

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