जब-जब सत्ताएँ बनी,
जब-जब सत्ताएँ बनी,
धृतराष्ट्रों की दास
वहाँ महाभारत हुआ,
बढ़ी रक्त की प्यास
—महावीर उत्तरांचली
जब-जब सत्ताएँ बनी,
धृतराष्ट्रों की दास
वहाँ महाभारत हुआ,
बढ़ी रक्त की प्यास
—महावीर उत्तरांचली