Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2024 · 1 min read

जब कभी प्यार की वकालत होगी

जब कभी प्यार की वकालत होगी
***************************

जब कभी प्यार की वकालत होगी,
आशिकों से भरी अदालत होगी।

रोकते – रोकते रुकेगी रुख़सत,
हर तरफ बोलती बगावत होगी।

झौंक कर जोर भी मिले ही हारें,
प्रेम ही कीमती विरासत होगी।

बात को जो समझ गया है ढोंगी,
ढोंगपन ही सही अदावत होगी।

देख कर भी न रुके मनसीरत,
धूप से भी तेज वो शरारत होगी।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गांधी जी और शास्त्री जी जयंती पर विशेष दोहे
गांधी जी और शास्त्री जी जयंती पर विशेष दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"तू अगर नहीं होती"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
*जाना सबके भाग्य में, कहॉं अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*जाना सबके भाग्य में, कहॉं अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
ओसमणी साहू 'ओश'
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
मृत्यु शैय्या
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कुछ लोग प्यार से भी इतराते हैं,
कुछ लोग प्यार से भी इतराते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए, कुछ समय शोध में और कुछ समय
समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए, कुछ समय शोध में और कुछ समय
Ravikesh Jha
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
Rituraj shivem verma
हिन्दू एकता
हिन्दू एकता
विजय कुमार अग्रवाल
बोलती आंखें🙏
बोलती आंखें🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"सफर"
Yogendra Chaturwedi
सूरज ढल रहा हैं।
सूरज ढल रहा हैं।
Neeraj Agarwal
ज़रूरतों  के  हैं  बस तकाज़े,
ज़रूरतों के हैं बस तकाज़े,
Dr fauzia Naseem shad
Love's Burden
Love's Burden
Vedha Singh
उठो द्रोपदी....!!!
उठो द्रोपदी....!!!
Neelam Sharma
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
Raju Gajbhiye
बदला है
बदला है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दुनिया  के सब रहस्यों के पार है पिता
दुनिया के सब रहस्यों के पार है पिता
पूर्वार्थ
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आंखों में भरी यादें है
आंखों में भरी यादें है
Rekha khichi
■ कोई तो हो...।।
■ कोई तो हो...।।
*प्रणय*
*ट्रक का ज्ञान*
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
Shweta Soni
पुलिस की चाल
पुलिस की चाल
नेताम आर सी
2980.*पूर्णिका*
2980.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राहें  आसान  नहीं  है।
राहें आसान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Naushaba Suriya
Loading...