Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 2 min read

जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गव

जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। लोगों ने दूसरी शादी की सलाह दी परन्तु उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि पुत्र के रूप में पत्नी की दी हुई भेंट मेरे पास हैं, इसी के साथ पूरी जिन्दगी अच्छे से कट जाएगी।

पुत्र जब वयस्क हुआ तो पूरा कारोबार पुत्र के हवाले कर दिया। स्वयं कभी अपने तो कभी दोस्तों के आॅफिस में बैठकर समय व्यतीत करने लगे।

पुत्र की शादी के बाद वह ओर अधिक निश्चित हो गये। पूरा घर बहू को सुपुर्द कर दिया।

पुत्र की शादी के लगभग एक वर्ष बाद दोहपर में खाना खा रहे थे, पुत्र भी लंच करने ऑफिस से आ गया था और हाथ–मुँह धोकर खाना खाने की तैयारी कर रहा था।

उसने सुना कि पिता जी ने बहू से खाने के साथ दही माँगा और बहू ने जवाब दिया कि आज घर में दही उपलब्ध नहीं है। खाना खाकर पिताजी ऑफिस चले गये।

थोडी देर बाद पुत्र अपनी पत्नी के साथ खाना खाने बैठा। खाने में प्याला भरा हुआ दही भी था। पुत्र ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और खाना खाकर स्वयं भी ऑफिस चला गया।

कुछ दिन बाद पुत्र ने अपने पिताजी से कहा- ‘‘पापा आज आपको कोर्ट चलना है, आज आपका विवाह होने जा रहा है।’’

पिता ने आश्चर्य से पुत्र की तरफ देखा और कहा-‘‘बेटा मुझे पत्नी की आवश्यकता नही है और मैं तुझे इतना स्नेह देता हूँ कि शायद तुझे भी माँ की जरूरत नहीं है, फिर दूसरा विवाह क्यों?’’

पुत्र ने कहा ‘‘ पिता जी, न तो मै अपने लिए माँ ला रहा हूँ न आपके लिए पत्नी,
मैं तो केवल आपके लिये दही का इन्तजाम कर रहा हूँ।

कल से मै किराए के मकान मे आपकी बहू के साथ रहूँगा तथा आपके ऑफिस मे एक कर्मचारी की तरह वेतन लूँगा ताकि आपकी बहू को दही की कीमत का पता चले।’’
👌Best message👌

-माँ-बाप हमारे लिये
ATM कार्ड बन सकते है,

तो ,हम उनके लिए
*Aadhar Card तो बन ही सकते है. 💕

💕 💕

151 Views

You may also like these posts

सुनो
सुनो
shabina. Naaz
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
■एक मात्रा का अंतर■
■एक मात्रा का अंतर■
*प्रणय*
होगा कोई ऐसा पागल
होगा कोई ऐसा पागल
gurudeenverma198
माँ से मिलने के लिए,
माँ से मिलने के लिए,
sushil sarna
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
Befikr Lafz
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
Rajesh vyas
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कोहरे के दिन
कोहरे के दिन
Ghanshyam Poddar
" घोंघा "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रत्याशा
प्रत्याशा
Omee Bhargava
पाती कर दे
पाती कर दे
Shally Vij
4345.*पूर्णिका*
4345.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
मेरी कविता
मेरी कविता
Jai Prakash Srivastav
25) मुहब्बत है तुमसे...
25) मुहब्बत है तुमसे...
नेहा शर्मा 'नेह'
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
बेवफ़ा
बेवफ़ा
singh kunwar sarvendra vikram
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारे अंदर बहुत संभावना मौजूद है हमें इसे खोने के बजाय हमें
हमारे अंदर बहुत संभावना मौजूद है हमें इसे खोने के बजाय हमें
Ravikesh Jha
हिंदी लेखक
हिंदी लेखक
Shashi Mahajan
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Rahul Singh
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
ग़म नहीं
ग़म नहीं
Surinder blackpen
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हैं भण्डार भरे
हैं भण्डार भरे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
प्रवास के दिन
प्रवास के दिन
Dr Pranav Gautam
Loading...