जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
बाली वध कर सुग्रीव सखा को पंपा पुर का ताज दिया।।
जिसने जो मांगा दिया प्रभु ने नहीं निराश हुआ कोई।
वंचित शोषित समाज को बनवासी बनकर आवाज दिया।।
नवधा भक्ति प्रेम से प्रभु ने मां सबरी को सिखलाई।
सोया भारत फिर जाग रहा ले रहा सनातन अंगड़ाई।।
🌹जय श्री राम🌹