जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बाद भी अपनी गलती सपने में भी नजर नहीं आती है। सामने वाला ही हमेशा कसूरवार होता है।
पारस नाथ झा
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बाद भी अपनी गलती सपने में भी नजर नहीं आती है। सामने वाला ही हमेशा कसूरवार होता है।
पारस नाथ झा